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आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन



आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन में  मुनव्वर राना, डॉ. राहत इन्दौरी सहित कई नामचीन शायरों ने  बांधा समा..


हाजी मंजूर अली खां साहित्य एवं सांस्कृतिक मंच शाहाबाद के तत्वाधान में यौम-ए-सर हय्यद और दीवाली के अवसर पर इं यावर अली खान के  प्रयासों द्वारा " क़ौमी एकता आल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन " का भव्य आयोजन हरदोई जिले के शाहाबाद में दिनांक 16 अक्टूबर 2017 सोमवार के दिन रॉयल मैरिज हाल में सम्मपन  हुआ. और इस विशाल कार्यक्रम में देश के नामी गिरामी शायरों और कवियों ने भाग लिया.


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मुनव्वर राना साहब


इस मुशायरे में बतौर मुख्यातिथि के रूप में प्रदेश के पूर्व डीजीपी रिजवान अहमद रहे. और उन्होंने कहा की "वसुधैव कुटुंबकम' हमारी सोच का आधार है. इस देश का नागरिक होना हम सब के लिए गर्व की बात हैं, और साथ ही कहा की सभी धर्मो में इंसानियत और मानवसेवा सर्वोपरि है.   इस मुशायरे की सदारत की देश के जाने माने शायर मुनव्वर राना साहब ने. और इस इस मुशायरे के  संचालन  का कार्य संभाला   वासिफ़ फारूकी साहब ने. और इस शानदार मुशायरे का आगाज़ किया बहराईच से आये शायर राजकिशोर ने वासिफ़ फारूकी साहब द्वारा लिखी गयी हम्द से.

और इसी के साथ इस मंच पर हिकमत शाहाबादी के काव्य संग्रह का भी बिमोचन किया गया, तथा साथ ही "अदब मंच फाउंडेशन" की संस्थापिका विजय लक्ष्मी सिंह वैदेही तथा जनाब वासिफ़ फारूकी के प्रेरणा तथा मार्गदर्शन व उनके सुझाओं  के द्वारा  हिंदी उर्दू के शायर कवियों द्वारा लिखी गयी शेरो-ओ-शायरी, ग़ज़ल, कविता, व्यंग को नयी उडान देने के लिए तथा उन्हें जन जन तक पहुचाने के उद्देश्य से बनाया गया ऑनलाइन पोर्टल अदब मंच (www.adabmanch.com) का भी उद्घाटन किया गया. 

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 मुशायरे के  संचालन  का कार्य संभालते हुए  वासिफ़ फारूकी साहब 


इस शानदार मुशायरे में अपने शेरो-ओ-शायरी, ग़ज़लों और कविताओं के माध्यम से दूर दूर से आये शायर और कविओं ने अपने कलाम  पेश कर खूब वाहवाही  बटोरी.

झाँसी से आये कवि अर्जुन सिंह ने अपना कलाम  पेश किया. युवा शायर सलमान ज़फर ने शेर सुनाया, सख्ती थोड़ी लाजिम है पर पत्थर होना ठीक नहीं. हिन्दू मुस्लिम ठीक है साहब, कट्टर होना ठीक नहीं. 

विश्व प्रसिद्ध शायर डॉ. राहत इंदौरी  साहब के मंच पर आते ही पूरा पंडाल तालियों की गडगडाहट से गूंज उठा. उन्होंने हिन्दू मुस्लिम को आपस में बाटकर सियासत करने वालो को अपना निशाना बनाते हुए एक कलाम  पढ़ा और आगाह किया - सभी के खून शामिल हैं यहाँ की मिट्टी में, किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़े ही है. 

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इसी तरह तमाम दूर दूर से आये नामी  शायरों ने अपने कलाम से लोगो की वाहवाही लुटी इस मुशायरे में जनाब मुनव्वर राना , डॉ राहत  इन्दौरी,  जनाब हसीब  सोज़, जनाब  जौहर कानपुरी,  डॉ तारीक़ क़मर, जनाब खुर्शीद हैदर, जनाब अज़्म शाकरी, जनाब महताब हैदर,  जनाब सलमान ज़फर, जनाब फ़ारूक़ "सरल", जनाब अर्जुन सिंह "चाँद", जनाब संजीव मिश्रा "व्योम", डॉ नसीम निकहत, मोहतरमा शाईस्ता सना, डॉ  सुमन दुबे,  डॉ पापुलर मेरठी, जनाब पपलू लखनवी, जनाब  विकास बौखल, तथा अन्य शायरों ने अपने शेर-ओ-शायरी से लोगों का दिल जीता यह मुशायरा पूरी रात चलता रहा. 

इस कार्यक्रम के अंत में आये सभी मेहमानों का आभार जताया.  तथा  इस कार्यक्रम में पिहानी चैयरमैन डॉ. सईद खां, अरस्तु, शोएब, करुणेश दीक्षित आदि लोग मौजूद रहे.  

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