Ghazal

[Ghazal][bleft]

Sher On Topics

[Sher On Topics][bsummary]

Women Poets

[Women Poets][twocolumns]

लोकप्रिय हया पर बनी शायरी का संग्रह - Collection Of Haya Shayari

लोकप्रिय हयापर बनी शायरी का संग्रह - Collection Of Haya Shayari 


 Collection-Of-Haya-Shayari

लोकप्रिय हया  पर बनी शायरी का संग्रह




उन रस भरी आँखों में हया खेल रही है
दो ज़हर के प्यालों में क़ज़ा खेल रही है

अख़्तर शीरानी

कभी हया उन्हें आई कभी ग़ुरूर आया
हमारे काम में सौ सौ तरह फ़ुतूर आया

बेखुद बदायुनी

ओ वस्ल में मुँह छुपाने वाले
ये भी कोई वक़्त है हया का

हसन बरेलवी

ग़ैर को या रब वो क्यूँकर मन-ए-गुस्ताख़ी करे
गर हया भी उस को आती है तो शरमा जाए है

मिर्ज़ा ग़ालिब

तन्हा वो आएँ जाएँ ये है शान के ख़िलाफ़
आना हया के साथ है जाना अदा के साथ

जलील मानिकपूरी

नै हया नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी
ख़ुदा करे कि जवानी तिरी रहे बे-दाग़

अल्लामा इक़बाल

ना ऐसी खुश लिबासियां कि सादगी हया करे
ना इतनी बेतकल्लुफ़ी कि आईना हया करे



आँखों में हया हो तो पर्दा दिल का ही काफी है 'फ़राज़'
नहीं तो नकाबों से भी होते हैं इशारे मोहब्बत के

अहमद फ़राज़

इक मोहब्बत की ये तस्वीर है, दो रंगों में
शौक़ सब मेरा है, और सारी हया उस की है



शर्मों हया से उनकी पलकों का झुकना इस तरह
जैसे कोई फूल झुक रहा हो एक तितली के बोझ से



लोकप्रिय हयापर बनी शायरी का संग्रह - Collection Of Haya Shayari 

कोई टिप्पणी नहीं: