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Saanson Ki Mala Pe Simero Main Pee Ka Naam - Meera Bai

Saanson Ki Mala Pe Simero  Main Pee  Ka Naam - Lyrics: Meera Bai


Aa piya ein nainan mein...jo palak daanp thohe lun..
na main dekho gair ko..na thohe dekhan dun...


haath chudavat jaat ho jo nirmil jaan ke mohe.
hardiye mein se jao toh main jaanu thohe.
neel gagan se bhi pare saniyan ji ka gaaoan...
darshan jal ki kamana.
patt rakhiyo hey raam.

aab kismat kay haath hain eis bandan ki laaj..
maine to man likh diya sanwariyan ke naam....
woh chatar hain kamani.

woh hain sunder naar..
jis pagali ne kar liya sajjan ka man ram.

jab se radha shaam ke nain hue hain chaar...
shaam bane hain radhika...
radha ban gai shaam....

saanso ki mala pe simaro main pee ka naam...
apne man ki main jano aur pee kay man ki ram...
yahi meri bandgi hain yahi meri pooja.

ab main saano ki mala pe simaro main pee ka naam..
eik tha sajjan mandir mein ..eik tha preetam masjid mein.
par main saanso ki mala pe simaro pee ka naam...

hum aur nahin kacho kaam kay matware pee kay naam ke.
saanson ki mala pe simaro main pee ka naam...

prem ke rang mein aise dubbi...
ban gaya eik hi roop...
prem ki mala japte-japte aap bani main shaam.
saanso ki ....

preetam ka kuch dosh nahin hain.
woh toh hain nirmoh.

apne aap se baate kar ke ho gai main badnaam...
saanso ki mala pe simaro main...

jeevan ka shingaar hain preetem..
maang ka hain sindoor.....
preetam ki nazaron se gir kar jeena hain kis kaam..
saanso ki mala pe simaro main pee ka naam.






आ पिया इन नैनन में
आ पिया इन नैनन में जो मैं पलक ढांप तोहे लूँ
आ पिया इन नैनन में जो मैं पलक ढांप तोहे लूँ
ना मैं देखू गैर को, ना मैं तोहे देखने दूं
ना मैं देखू गैर को, ना मैं तोहे देखने दूं
काजर डारु, काजर डारु किरकिरा जो सुरमा दिया ना जाए
जिन नैनन मे पिया बसे भला दूजा कौन समाये
जिन नैनन मे पिया बसे भला दूजा कौन समाये
नील गगन से भी परे
नील गगन से भी परे सावंरिया का गाँव
दर्शन जल की कामना पत रखियो हे राम

साँसों की माला पे
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
सिमरू मैं पी का नाम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
यही मेरी बंदगी हैं, यही मेरी पूजा
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
इक का साजन मंदिर में, इक का प्रीतम मस्जिद में
और साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
साँसों की माला पे
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम

पपीहे ओ पपीहे तू ये क्यूँ आंसू बहाता हैं
जुबान पे तेरी पि पि किसलिए रेह रेह के आता हैं
सदा ए दर्द-ओ-ग़म, क्यूँ दर्द बन्दों को सुनाता हैं
जो खुद ही जल रहा हो, क्यूँ उसको और जलाता हैं
काटू तोरी चोंच पपिहरा, अरे डालू **
अरे मैं पि की और पि हैं मोरे, तू पि का हैं कौन
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
अपने मन की मैं जानू और पि के मन की राम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
अपने मन की मैं जानू और पि के मन की राम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
साँसों की माला पे, साँसों की माला पे
साँसों की माला पे, साँसों की माला पे
साँसों की माला पे, साँसों की माला पे
साँसों की माला पे, साँसों की माला पे
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
पी का नाम, पी का नाम, पी का नाम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम

प्रेम के रंग में ऐसी डूबी
प्रेम के रंग में ऐसी डूबी बन गया एक ही रूप
प्रेम के रंग में ऐसी डूबी बन गया एक ही रूप
प्रेम के रंग में, रंग में डूबी
प्रेम के रंग में ऐसी डूबी बन गया एक ही रूप
प्रेम की माला जपते जपते आप बनी मैं शाम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
प्रेम की माला जपते जपते आप बनी मैं शाम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम

प्रीतम का कुछ दोष नहीं हैं
प्रीतम का कुछ दोष नहीं हैं वो तो हैं निर्दोष
प्रीतम का कुछ दोष नहीं हैं वो तो हैं निर्दोष
प्रीतम का, प्रीतम का कुछ दोष नहीं हैं
प्रीतम का कुछ दोष नहीं हैं वो तो हैं निर्दोष
अपने आप से बाते करके हो गई मैं बदनाम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
अपने आप से बाते करके हो गई मैं बदनाम
साँसों की माला पे सिमरू मैं पी का नाम
सिमरू मैं पी का नाम, सिमरू मैं पी का नाम
सिमरू मैं पी का नाम




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