zulf shayari
Reshami Hai Julfe, Makhamali Hai CheharaKaise Didar Kare Ashik, Ghughat Ka Hai Pahara..
जुल्फ शायरी
जुल्फें हैं रेशमी , मखमली है चेहराकैसे दीदार करे आशिक, घुघट का है पहरा.
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