अनवर शऊर की प्रसिद्ध शायरी - Best Shayari of Anwar Shaoor
Best Shayari of Anwar Shaoor
Best Shayari of Anwar Shaoor |
अनवर शऊर की प्रसिद्ध शायरी - Best Shayari of Anwar Shaoor
हमेशा हात
में रहते हैं फूल उन के लिए
किसी को
भेज के मंगवाने थोड़ी होते हैं
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'शुऊर' ख़ुद को ज़हीन आदमी समझते हैं
ये सादगी
है तो वल्लाह इंतिहा की है
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वो मुझ
से रूठ न जाती तो और क्या करती
मिरी ख़ताएँ
मिरी लग़्ज़िशें ही ऐसी थीं
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सामने आ
कर वो क्या रहने लगा
घर का दरवाज़ा
खुला रहने लगा
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मेरे घर
के तमाम दरवाज़े
तुम से
करते हैं प्यार आ जाओ
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हम बुलाते
वो तशरीफ़ लाते रहे
ख़्वाब
में ये करामात होती रही
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बहुत इरादा
किया कोई काम करने का
मगर अमल
न हुआ उलझनें ही ऐसी थीं
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तिरे होते
जो जचती ही नहीं थी
वो सूरत
आज ख़ासी लग रही है
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किया बादलों
में सफ़र ज़िंदगी भर
ज़मीं पर
बनाया न घर ज़िंदगी भर
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कभी रोता
था उस को याद कर के
अब अक्सर
बे-सबब रोने लगा हूँ
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इस तअल्लुक़
में नहीं मुमकिन तलाक़
ये मोहब्बत
है कोई शादी नहीं
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अच्छों
को तो सब ही चाहते हैं
है कोई
कि मैं बहुत बुरा हूँ
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आदमी बन
के मिरा आदमियों में रहना
एक अलग
वज़्अ है दरवेशी ओ सुल्तानी से
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किस क़दर
बद-नामियाँ हैं मेरे साथ
क्या बताऊँ
किस क़दर तन्हा हूँ मैं
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था व'अदा शाम का मगर आए वो रात को
मैं भी
किवाड़ खोलने फ़ौरन नहीं गया
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इश्क़ तो
हर शख़्स करता है 'शुऊर'
तुम ने
अपना हाल ये क्या कर लिया
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ज़िंदगी
की ज़रूरतों का यहाँ
हसरतों
में शुमार होता है
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दोस्त कहता
हूँ तुम्हें शाएर नहीं कहता 'शुऊर'
दोस्ती
अपनी जगह है शाएरी अपनी जगह
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लोग सदमों
से मर नहीं जाते
सामने की
मिसाल है मेरी
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मुस्कुराए
बग़ैर भी वो होंट
नज़र आते
हैं मुस्कुराए हुए
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'शुऊर' सिर्फ़ इरादे से कुछ नहीं होता
अमल है
शर्त इरादे सभी के होते हैं
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हो गए दिन
जिन्हें भुलाए हुए
आज कल हैं
वो याद आए हुए
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तेरी आस
पे जीता था मैं वो भी ख़त्म हुई
अब दुनिया
में कौन है मेरा कोई नहीं मेरा
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कड़ा है
दिन बड़ी है रात जब से तुम नहीं आए
दिगर-गूँ
हैं मिरे हालात जब से तुम नहीं आए
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चले आया
करो मेरी तरफ़ भी!
मोहब्बत
करने वाला आदमी हूँ
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Behtareen Shayari,Bahaut Khoob !!
जवाब देंहटाएंKya baat hai sir ji 👏
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