हाथ दिया उसने मेरे हाथ में मैं तो वली बन गया एक रात मे - क़तील शिफ़ाई
Hath Diya Usane Mere Hath Me - Ghazals of Qateel Shifai
हाथ दिया उसने मेरे हाथ में मैं तो वली बन गया एक रात मे - क़तील शिफ़ाई |
हाथ दिया उसने मेरे हाथ में,
मैं तो वली बन गया एक रात मे.
इश्क़ करोगे तो कमाओगे नाम,
तोहमतें बटती नहीं खैरात में.
इश्क़ बुरी शै सही, पर दोस्तो,
दख्ल न दो तुम, मेरी हर बात में.
हाथ में कागज़ की लिए छतरियाँ,
घर से ना निकला करो बरसात में.
रत बढ़ाया उसने न 'क़तील' इसलिए,
फर्क था दोनों के खयालात में.
- क़तील शिफ़ाई
कोई टिप्पणी नहीं: