Thehar Jao Ke Hairani To Jayen ठहर जाओ के हैरानी तो जाये Mohsin Naqvi
ठहर जाओ के हैरानी तो जाये, तुम्हारी शक़्ल पहचानी तो जाये
Thehar Jao Ke Hairani To Jayen Tumhari Shakl Pehchani To Jaye
ठहर जाओ के हैरानी तो जायेतुम्हारी शक़्ल पहचानी तो जाये
शब-ए-ग़म तू ही मेहमाँ बन के आ जा
हमारे घर की वीरानी तो जाये
ज़रा खुल कर भी रो लेने दो हमको
कि दिल की आग तक पानी तो जाये
बला से तोड़ डालो आईनों को
किसी सूरत ये हैरानी तो जाये
- शायर :- मोहसिन नकवी
- गायक एवं संगीत :- गुलाम अली
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