फ़िराक़ गोरखपुरी की प्रसिद्ध शायरी - Best Shayari of Firaq Gorakhpuri
Collection of Firaq Gorakhpuri
फ़िराक़ गोरखपुरी की प्रसिद्ध शायरी - Best Shayari of Firaq Gorakhpuri |
- फ़िराक़ गोरखपुरी की प्रसिद्ध शायरी - Best Shayari of Firaq Gorakhpuri
अब आ गए हैं आप तो आता नहीं है याद, वर्ना कुछ हम को आप से कहना ज़रूर था. |
जिस में हो याद भी तेरी शामिल, हाए उस बे-ख़ुदी को क्या कहिए. |
कौन ये ले रहा है अंगड़ाई, आसमानों को नींद आती है.. |
मैं हूँ दिल है तन्हाई है, तुम भी होते अच्छा होता.. |
न कोई वादा न कोई यक़ीं न कोई उम्मीद, मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था.. |
पर्दा-ए-लुत्फ़ में ये ज़ुल्म-ओ-सितम क्या कहिए हाए ज़ालिम तिरा अंदाज़-ए-करम क्या कहिए. |
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में ‘फ़िराक़’, जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए.. |
बहुत पहले से उन क़दमों की आहट जान लेते हैं, तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं.. |
हज़ार बार ज़माना इधर से गुज़रा है नई नई सी है कुछ तेरी रहगुज़र फिर भी |
मौत का भी इलाज हो शायद, ज़िंदगी का कोई इलाज नहीं.. |
तेरे आने की क्या उमीद मगर, कैसे कह दूँ कि इंतिज़ार नहीं.. |
शाम भी थी धुआँ धुआँ हुस्न भी था उदास उदास, दिल को कई कहानियाँ याद सी आ के रह गईं.. |
मैं देर तक तुझे ख़ुद ही न रोकता लेकिन, तू जिस अदा से उठा है उसी का रोना है.. |
हम से क्या हो सका मोहब्बत में, ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की.. |
अब तो उन की याद भी आती नहीं, कितनी तन्हा हो गईं तन्हाइयाँ.. |
कोई आया न आएगा लेकिन, क्या करें गर न इंतिज़ार करें.. |
मुद्दतें गुज़रीं तिरी याद भी आई न हमें, और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं.. |
तबीअत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में, हम ऐसे में तिरी यादों की चादर तान लेते हैं.. |
कोई समझे तो एक बात कहूँ, इश्क़ तौफ़ीक़* है गुनाह नहीं.. |
इनायत की करम की लुत्फ़ की आख़िर कोई हद है, कोई करता रहेगा चारा-ए-ज़ख़्म-ए-जिगर कब तक.. |
रात भी नींद भी कहानी भी, हाए क्या चीज़ है जवानी भी.. |
पाल ले इक रोग नादाँ ज़िंदगी के वास्ते, पाल ले इक रोग सिर्फ़ सेहत के सहारे.. |
ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त, वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में.. |
तिरी निगाह से बचने में उम्र गुज़री है, उतर गया रग-ए-जाँ में ये नेश्तर फिर भी.. |
जो उलझी थी कभी आदम के हाथों, वो गुत्थी आज तक सुलझा रहा हूँ.. |
फ़िराक़ गोरखपुरी की प्रसिद्ध शायरी - Best Shayari of Firaq Gorakhpuri
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