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लोकप्रिय फ़लक पर बनी शायरी का संग्रह - Collection Of Falak Shayari


 लोकप्रिय फ़लक पर बनी शायरी का संग्रह  Collection Of Falak  Shayari 


Collection-Of-Falak-Shayari

 लोकप्रिय फ़लक पर बनी शायरी का संग्रह 




जो नूर भरते थे ज़ुल्मात-ए-शब के सहरा में
वो चाँद तारे फ़लक से उतर गए शायद

ख़लील मामून

सौ ईद अगर ज़माने में लाए फ़लक व-लेक
घर से हमारे माह-ए-मुहर्रम न जाएगा

रज़ा अज़ीमाबादी

फ़लक से घूरती हैं मुझ को बे-शुमार आँखें
न चैन आता है जी को न रात ढलती है

शहज़ाद अहमद

जिन पे नाज़ाँ थे ये ज़मीन ओ फ़लक
अब कहाँ हैं वो सूरतें बाक़ी

इब्न-ए-मुफ़्ती

किस मुँह से हाथ उठाएँ फ़लक की तरफ़ 'ज़हीर'
मायूस है असर से दुआ और दुआ से हम

ज़हीर देहलवी

नैरंगियाँ फ़लक की जभी हैं कि हों बहम
काली घटा सफ़ेद प्याले शराब-ए-सुर्ख़

बयान मेरठी

फ़लक की ख़बर कब है ना-शाइरों को
यूँही घर में बैठे हवा बाँधते हैं

मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

दर-ब-दर फिरने ने मेरी क़द्र खोई ऐ फ़लक
उन के दिल में ही जगह मिलती जो ख़ल्वत माँगता

आग़ा अकबराबादी

वो चार चाँद फ़लक को लगा चला हूँ 'क़मर'
कि मेरे ब'अद सितारे कहेंगे अफ़्साने

क़मर जलालवी

ज़मीं का रिज़्क़ हूँ लेकिन नज़र फ़लक पर है
कहो फ़लक से मिरे रास्ते से हट जाए

अनवर सदीद

 लोकप्रिय फ़लक पर बनी शायरी का संग्रह  Collection Of Falak  Shayari 

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