लोकप्रिय हयापर बनी शायरी का संग्रह - Collection Of Haya Shayari
लोकप्रिय हया पर बनी शायरी का संग्रह |
उन रस भरी
आँखों में हया खेल रही है
दो ज़हर
के प्यालों में क़ज़ा खेल रही है
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अख़्तर शीरानी
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कभी हया
उन्हें आई कभी ग़ुरूर आया
हमारे काम
में सौ सौ तरह फ़ुतूर आया
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बेखुद बदायुनी
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ओ वस्ल
में मुँह छुपाने वाले
ये भी कोई
वक़्त है हया का
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हसन बरेलवी
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ग़ैर को
या रब वो क्यूँकर मन-ए-गुस्ताख़ी करे
गर हया
भी उस को आती है तो शरमा जाए है
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मिर्ज़ा ग़ालिब
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तन्हा वो
आएँ जाएँ ये है शान के ख़िलाफ़
आना हया
के साथ है जाना अदा के साथ
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जलील मानिकपूरी
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नै हया
नहीं है ज़माने की आँख में बाक़ी
ख़ुदा करे
कि जवानी तिरी रहे बे-दाग़
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अल्लामा इक़बाल
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ना ऐसी
खुश लिबासियां कि सादगी हया करे
ना इतनी
बेतकल्लुफ़ी कि आईना हया करे
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आँखों में
हया हो तो पर्दा दिल का ही काफी है 'फ़राज़'
नहीं तो
नकाबों से भी होते हैं इशारे मोहब्बत के
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अहमद फ़राज़
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इक मोहब्बत
की ये तस्वीर है, दो रंगों में
शौक़ सब
मेरा है,
और सारी हया उस की है
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शर्मों
हया से उनकी पलकों का झुकना इस तरह
जैसे कोई
फूल झुक रहा हो एक तितली के बोझ से
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लोकप्रिय हयापर बनी शायरी का संग्रह - Collection Of Haya Shayari
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