बडी नाज़ुक है ये मंज़िल - जगजीत सिंह - ज़मीर काज़मी - ग़ज़ल लिरिक्स
Badi Naajuk Hai Ye Mnjil, Mohabbat Ka Safar Hai - Jagjit Singh - Zameer Kazmi - Ghazal -Lyrics
Film -: Joggers Park (2003)
Lyricist -: Zameer Kazmi
Singer -: Jagjit Singh
बडी नाज़ुक है ये मंज़िल - जगजीत सिंह - ज़मीर काज़मी - ग़ज़ल लिरिक्स |
धडक आहिस्ता से ऐ दिल, मोहब्बत का सफर है.
कोई सुन ले ना ये किस्सा, बहुत डर लगता है,
मगर डरने से क्या हासिल, मोहब्बत का सफर है.
बताना भी नहीं आसान, छुपाना भी कठिन है,
खुदा-या किस कदर मुश्किल, मोहब्बत का सफर है.
उजाले दिल के फैले है, चले आओ ना जानम,
बहुत ही प्यार के काबिल, मोहब्बत का सफर है.
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