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इज़हार पर बनी शायरी का संग्रह - Collection OF Izhar Shyari

इज़हार पर बनी शायरी का संग्रह - Collection OF Izhar Shyari


Collection-OF-Izhar-Shyari

इज़हार पर बनी शायरी का संग्रह




तुझ से किस तरह मैं इज़हार-ए-तमन्ना करता
लफ़्ज़ सूझा तो मआ'नी ने बग़ावत कर दी

अहमद नदीम क़ासमी

कट गई एहतियात-ए-इश्क़ में उम्र
हम से इज़हार-ए-मुद्दआ न हुआ

हसरत मोहानी

दिल पे कुछ और गुज़रती है मगर क्या कीजे
लफ़्ज़ कुछ और ही इज़हार किए जाते हैं

जलील ’आली’

क्या बला थी अदा-ए-पुर्सिश-ए-यार
मुझ से इज़हार-ए-मुद्दआ न हुआ

फ़ानी बदायुनी

मुझ से नफ़रत है अगर उस को तो इज़हार करे
कब मैं कहता हूँ मुझे प्यार ही करता जाए

इफ़्तिख़ार नसीम

इश्क़ के इज़हार में हर-चंद रुस्वाई तो है
पर करूँ क्या अब तबीअत आप पर आई तो है

अकबर इलाहाबादी

और इस से पहले कि साबित हो जुर्म-ए-ख़ामोशी
हम अपनी राय का इज़हार करना चाहते हैं

सलीम कौसर

मुद्दआ इज़हार से खुलता नहीं है
ये ज़बान-ए-बे-ज़बानी और है

फ़सीह अकमल

इज़हार-ए-हाल का भी ज़रीया नहीं रहा
दिल इतना जल गया है कि आँखों में नम नहीं

इस्माइल मेरठी

इज़हार पर बनी शायरी का संग्रह - Collection OF Izhar Shyari

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