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कश्ती पर बनी शायरी का संग्रह - Collection OF Kashti Shyari


कश्ती  पर बनी शायरी का संग्रह - Collection OF Kashti Shyari


Collection-OF-Kashti-Shyari

कश्ती  पर बनी शायरी का संग्रह



उस ना-ख़ुदा के ज़ुल्म ओ सितम हाए क्या करूँ
कश्ती मिरी डुबोई है साहिल के आस-पास

हसरत मोहानी

कश्तियाँ डूब रही हैं कोई साहिल लाओ
अपनी आँखें मिरी आँखों के मुक़ाबिल लाओ

जमुना प्रसाद राही

कश्ती-ए-ए'तिबार तोड़ के देख
कि ख़ुदा भी है ना-ख़ुदा ही नहीं

फ़ानी बदायुनी

चमक रहा है ख़ेमा-ए-रौशन दूर सितारे सा
दिल की कश्ती तैर रही है खुले समुंदर में

ज़ेब ग़ौरी

अच्छा यक़ीं नहीं है तो कश्ती डुबा के देख
इक तू ही नाख़ुदा नहीं ज़ालिम ख़ुदा भी है

क़तील शिफ़ाई

कश्ती चला रहा है मगर किस अदा के साथ
हम भी न डूब जाएँ कहीं ना-ख़ुदा के साथ

अब्दुल हमीद अदम

सरक ऐ मौज सलामत तो रह-ए-साहिल ले
तुझ को क्या काम जो कश्ती मिरी तूफ़ान में है

मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

कभी मेरी तलब कच्चे घड़े पर पार उतरती है
कभी महफ़ूज़ कश्ती में सफ़र करने से डरता हूँ

फ़रीद परबती

अगर ऐ नाख़ुदा तूफ़ान से लड़ने का दम-ख़म है
इधर कश्ती न ले आना यहाँ पानी बहुत कम है

दिवाकर राही

मैं कश्ती में अकेला तो नहीं हूँ
मिरे हमराह दरिया जा रहा है

अहमद नदीम क़ासमी

कश्ती  पर बनी शायरी का संग्रह - Collection OF Kashti Shyari

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