ख़त पर बनी शायरी का संग्रह - Collection OF Khat Shyari
ख़त पर बनी शायरी का संग्रह |
उस ने ये
कह कर फेर दिया ख़त
ख़ून से
क्यूँ तहरीर नहीं है
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कैफ़ भोपाली
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ग़ुस्से
में बरहमी में ग़ज़ब में इताब में
ख़ुद आ
गए हैं वो मिरे ख़त के जवाब में
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दिवाकर राही
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आज का ख़त
ही उसे भेजा है कोरा लेकिन
आज का ख़त
ही अधूरा नहीं लिख्खा मैं ने
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हामिद मुख़्तार हामिद
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कैसे मानें
कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उन के ख़त
आज हमें तेरे सिरहाने से मिले
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कैफ़ भोपाली
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कोई पुराना
ख़त कुछ भूली-बिसरी याद
ज़ख़्मों
पर वो लम्हे मरहम होते हैं
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अंजुम इरफ़ानी
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आप का ख़त
नहीं मिला मुझ को
दौलत-ए-दो-जहाँ
मिली मुझ को
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असर लखनवी
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अंधेरा
है कैसे तिरा ख़त पढ़ूँ
लिफ़ाफ़े
में कुछ रौशनी भेज दे
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मोहम्मद अल्वी
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ख़त लिखा
यार ने रक़ीबों को
ज़िंदगी
ने दिया जवाब मुझे
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माधव राम जौहर
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किसी को
भेज के ख़त हाए ये कैसा अज़ाब आया
कि हर इक
पूछता है नामा-बर आया जवाब आया
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अहसन मारहरवी
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अपना ख़त
आप दिया उन को मगर ये कह कर
ख़त तो
पहचानिए ये ख़त मुझे गुमनाम मिला
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कैफ़ी हैदराबादी
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